शुभ स्वप्न कौन से होते है? (भाग १) और (भाग २) में हमने आपको कुछ उन स्वप्नों के बारे में बताया था जिन्हे देखे जाने के उपरांत सुखदायक परिणाम प्राप्त होते हैं. अब हम आपको ऐसे सपनों को देखने का फ़ल बता रहे हैं जिन्हे देखे जाने के बाद दुख और हानि प्राप्ति होती है.
जो व्यक्ति सपने में अपने आपको अति आनंद में अट्टहास करते देखता है, शादी में विवाहोत्सव इत्यादि के नाच गान देखता है, उसे जल्दी ही विपरीत स्थितियों का सामना करना पडेगा.
स्वप्न में दांत तोडे जाते हुये और उन्हें गिरते हुये देखना धन हानि और शारीरिक कष्ट का सूचक है.
तेल से स्नान करके, गधे, उंट या भैंसे पर बैठे हुये देखना विपत्ति सूचक और अगर इन पर सवार अपने आपको दक्षिण दिशा में जाता देखे तो भयानक मरण अथवा मरण तुल्य शारीरिक कष्ट का सूचक है.
पतित विधवा स्त्री, नग्न और काली स्त्री, जटा या ताड के फ़ल को देखना शोक प्राप्ति का सूचक है.
क्रोधित ब्राह्मण और उसकी पत्नि को देखना, संकट आने और घर से लक्ष्मी के विदा होने का सूचक है.
जंगली फ़ूल, लाल फ़ूलों से लदा पलाश, लाल फ़ूल, कपास, और सफ़ेद वस्त्र को देखना दुख दायक होता है.
काले वस्त्र पहने, काले रंग की नाचती गाती हंसती स्त्री को देखना मॄत्यु सूचक है.
स्वप्न में देवता नाचते, गाते ताल ठोकते और दौडते भागते हुये दिखाई देते हैं, यह भी मॄत्यु सूचक स्वप्न होता है.
काले वस्त्राभूषण और काले फ़ूलों की माला धारण की हुई स्त्री का आलिंगन करते देखना का, मृत्यु को आलिंगन करने जैसा फ़ल होता है, अर्थात वह मॄत्यु को प्राप्त होता है.
स्वप्न में हिरण का मरा हुआ बच्चा पाना, हड्डी की माला और मनुष्य की खोपडी पाता है वह विपत्तियों में फ़ंसने का संकेत है.
जिस रथ में उंट या गधे जुते हुये हों, उस रथ पर अपने को सवार देखकर जगने वाला मनुष्य जल्द ही मॄत्यु का शिकार बन जाता है.
जिसके शरीर पर कौवे, शत्रुओं का दल, मुर्गे या रींछ टुटे पडते हों वह निश्चित मॄत्यु का शिकार हो जाता है.
जिस पर भैंसे, ऊंट, सूअर और गधे क्रोधित होकर हमला करते हों वह मनुष्य के रोगी बन जाने का संकेत है.
उंचाई से गिरना अवनति सूचक है, पर उंचाई से अगारयुक्त कुंडों में गिरना, यमदूतों द्वारा पाश में बांधा जाना मॄत्यु सूचक है.
अगर मस्तक से कोई बलपुर्वक दुष्ट मनुष्य टोपी, पगडी उतार ले तो उसके पिता, गुरू का नाश हो जाने का संकेत है. इसी तरह से अगर कोई मस्तक से मुकुट उतार ले तो उसके राज्य की सरकार या उसका मुखिया संकट में फ़ंस कर सत्ताच्युत होने का संकेत है.
अपने घर से भयभीत होकर गाय को बछडे सहित जाती हुई दिखे तो घर से लक्ष्मी चले जाने, और हानि होने का संकेत समझना चाहिये.
अगर स्वप्न में ज्योतिषी, ब्राह्मण अथवा गुरू शाप देता हुआ दिख जाये तो यह विपत्ति भोगने का निश्चित संकेत है.
(अगला भाग २ यहां पढिये)
[अपने सपनों को विश्लेषित करते समय यह जरूर ध्यान रखें कि सपनों का क्रम, घटनाएं सदैव उलझी हुई और सब कुछ गड्ड मड्ड रहता है. कुछ याद रह जाता है, कुछ भूल जाते हैं. अत: सपनों में देखी गई घटनाओं को शांत चित होकर क्रमवार व्यवस्थित रखकर उनका अध्ययन करने से उनके बारे में आप सटीकता से जान पायेंगे]
For astrological advice
Popular Posts
-
आकाश के 90 डिग्री से 120 डिग्री तक के भाग को कर्क राशि के नाम से जाना जाता है. जिस जातक के जन्म समय में यह भाग आकाश के पूर्वी क्षितिज में ...
-
आकाश के 240 डिग्री से 270 डिग्री तक के भाग को धनु राशि के नाम से जाना जाता है. जिस जातक के जन्म समय में यह भाग आकाश के पूर्वी क्षितिज म...
-
आकाश के 120 डिग्री से 150 डिग्री तक के भाग को सिंह राशि के नाम से जाना जाता है. जिस जातक के जन्म समय में यह भाग आकाश के पूर्वी क्षिति...
-
आकाश के 60 डिग्री से 90 डिग्री तक के भाग को मिथुन राशि के नाम से जाना जाता है. जिस जातक के जन्म समय पर यह भाग आकाश के पूर्वी क्षितिज ...
-
आकाश के 180 डिग्री से 210 डिग्री तक के भाग को तुला राशि के रूप में जाना जाता है. जिस जातक का जन्म के समय यह भाग आसमान के पूर्वी क्षितिज...
-
आकाश के 270 डिग्री से 300 डिग्री तक के भाग को मकर राशि के रूप में जाना जाता है. जिस जताक के जन्म के समय यह भाग आसमान के पूर्वी क्षितिज ...
-
आकाश के 150 डिग्री से 180 डिग्री तक के भाग को कन्या राशि के नाम से जाना जाता है. जिस जातक के जन्म समय में यह भाग आकाश के पूर्वी क्षित...
-
चन्द्रमा का एक राशिचक्र 27 नक्षत्रों में बंटा हुआ है, इस कारण से चन्द्रमा को अपनी कक्षा में परिभ्रमण करते समय प्रत्येक नक्षत्र में से गु...
-
आकाश के 300 डिग्री से 330 डिग्री तक के भाग को कुंभ राशि के नाम से जाना जाता है. जिस जातक के जन्म समय में यह भाग आकाश के पूर्वी क्षितिज...
-
आकाश के 30 डिग्री से 60 डिग्री तक के भाग को वृष राशि के नाम से जाना जाता है. जिस जातक के जन्म समय में यह भाग आकाश के पूर्वी क्षितिज में...
Powered by Blogger.
Archive
-
▼
2011
(75)
-
▼
August
(24)
- नक्षत्र पति और उसका प्रभाव
- नक्षत्र
- रत्न धारण की विधि
- लाल किताब
- वैदिक ज्योतिष
- हमारे विषय में
- हानि और दुख दायक स्वप्न (भाग २)
- हानि और दुख दायक स्वप्न (भाग १)
- शुभ स्वप्न ? (भाग २)
- शुभ स्वप्न (भाग १)
- मंत्रों की महता
- अनिष्ट ग्रहों के कारण और निवारण
- भारतीय ज्योतिष और काल सर्प दोष
- भारतीय ज्योतिष और पितृ दोष
- आपका मुख्य ग्रह और समस्त जीवन पर उसका प्रभाव
- ज्योतिष और संतान सुख
- क्या आपके भाग्य में विदेश यात्रा का योग है ?
- व्यापारिक अवरोध कैसे दूर करें ?
- वैदिक ज्योतिष और रोजगार के सूत्र
- हस्त रेखाओं द्वारा रोग की पहचान और उपाय
- नाडी ज्योतिष
- अंक ज्योतिष
- आपका होने वाला पति कैसा होगा?
- कब होगा भाग्योदय ?
-
▼
August
(24)
Category
- Feature
- अंक ज्योतिष
- उपाय
- कालसर्प
- केतु
- गुरू
- ग्रह
- चंद्रमा
- जयोतिष
- ज्योतिष
- ज्योतिष सीखिए
- दांपत्य
- दाम्पत्य सुख
- धन
- नक्षत्र
- पितृ दोष
- पितृदोष
- बुध
- भाग्य का पर्याय सूर्य
- मंगल
- मंगल वंदन
- मंत्र
- मंत्र-तंत्र यंत्र
- मासिक भविष्यफ़ल 2012
- रत्न-रूद्राक्ष
- राहु
- रोग
- रोजगार
- लाल किताब
- वर्जित दान
- वास्तु
- विदेश यात्रा
- विवाह
- विविधा
- वृहस्पति
- वैदिक ज्योतिष
- शकुन शास्त्र
- शनि
- शिक्षा
- शुक्र
- श्राद्ध
- संतान सुख
- समस्या समाधान
- समस्यायें
- साढेसाती
- साप्ताहिक भविष्यफ़ल 2012
- सामुद्रिक शास्त्र
- सूर्य
- स्वपन शास्त्र
- स्वर विज्ञान
- हमारे विषय में
- हस्तरेखा