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नाडी ज्योतिष

"नाडी".....अर्थात ज्योतिष शास्त्र; बिना बताये आपका पूरा नाम व जन्म वृतान्त बताने वाला दक्षिण भारत में प्रचलित नाडी-शास्त्र

नाडी का अर्थ तथा अभिप्राय
----"नाडी" शब्द के योम तो कईं अर्थ हैं, परन्तु ज्योतिष शास्त्र में "नाडी" का तात्पर्य समय की एक मात्रा का नाम है, जो आधे 'मुहूर्त' अथवा 24 मिनट के बराबर होती है. नाडी शब्द यद्यपि समय-वाचक है तथापि यह "ज्योतिष-शास्त्र" के अर्थ में प्रयुक्त होता है.

नाडी शब्द दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित रहा है. वहाँ कईं "नाडी-ग्रन्थ" लिखे गए और उनमें से अनेक आज भी विद्यमान हैं. परन्तु ये नाडी-ग्रन्थ" कोई ज्योतिष के सामान्य ग्रन्थ नहीं हैं कि जिनमें सिर्फ ज्योतिष के सिद्धान्तों का ही वर्णन हो. ये तो इन्सान के प्राय: समस्त जीवन की घटनाओं का वर्णन करने वाले ग्रन्थ हैं. इतने ग्रह-स्थिति आदि का वर्णन तो केवल उतना ही है, जिससे यह पता चल जाये कि ये जन्मकुंडली अमुक व्यक्ति की है. दूसरे शब्दों में-------नाडी-ग्रन्थों का वर्णन यद्यपि ग्रह-स्थिति पर आधारित है, तो भी वे जीवन के सम्पूर्ण फलादेश को बताने वाले हैं, न कि ज्योतिष के सिद्धान्तों की जानकारी देने वाले. अर्थात यह नहीं बताते कि अमुक घटना क्यों और ज्योतिष के किस नियम के आधार पर हुई?

नाडी-शास्त्र की विशेषता:---- जैसे उत्तर भारत में 'भृगु-शास्त्र', 'अरूण संहिता', 'रावण-संहिता' आदि ग्रन्थ प्रसिद्ध हैं, जो भविष्य में जन्म लेने वाले या आज से पहले जो जन्म ले चुके हैं----उन सभी मनुष्यों के जीवन में घटने वाली सभी घटनाओं का विस्तृत वर्णन देते हैं; उसी प्रकार दक्षिण भारत में 'नन्दी-नाड', 'शुक्र-नाडी', 'भुजन्दर-नाडी', 'सप्तऋषि-नाडी', 'चन्द्रकला-नाडी' आदि कईं नाडी-ग्रन्थ हैं; जिनमें चमत्कारिक रूप से मनुष्यों के जीवन का भूत और भविष्य का सम्पूर्ण वृतान्त पहले से ही लिख रखा है.

आप लोग यह जानकर आश्चर्यचकित रह जाएंगें---जब आप इन नाडी-ग्रन्थों के द्वारा अपना जीवन भविष्यफल जानना चाहेंगें तो आपसे बिना पूछे आपका पूरा नाम आपको बताया जाएगा. उदाहरण के लिए आप को बताया जाएगा कि आपका नाम 'रमेश कुमार' है. आपकी माता का नाम 'श्रीमति विमला देवी' है, आपके पिता का नाम ' श्री जगदीश चन्द्र' है, आपकी पत्नि का नाम 'सुमन' है. इसके अतिरिक्त आपको यह भी बताया जाएगा कि आपका जन्म किस गाँव या शहर में हुआ था.

नामों के अतिरिक्त आपकी वर्तमान उम्र तक के मोटे-मोटे हालात जैसे-----माता-पिता जीवित हैं अथवा नहीं, यदि मृत हैं तो उनकी मृत्यु कब हुई, भाई-बहन कितने हैं; उनमें कितने बढे हैं-कितने छोटे; इस समय तक कुल कितनी सन्तान हैं; उनमें लडके कितने हैं और लडकियाँ कितनी, किस व्यापार या नौकरी में आप लगे हुए हैं---इत्यादि ये सब बातें बताई जाएंगी. इन सब बातों का आपके द्वारा अनुमोदन करने के बाद फिर आगे आपके जीवन का सम्पूर्ण वृतान्त आपको बताया जाएगा. यह है रूप-रेखा एक सामान्य नाडी-ग्रन्थ की