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रत्न धारण की विधि


 रत्न को धारण करने से पूर्व उसे पहले गंगाजल अथवा कच्चे दूध से स्नान करायें.उसके बाद जिस रंग का रत्न हो,उसी रंग के कपडे का टुकडा एक पात्र में बिछाकर रत्न को उस पर स्थापित करें. शुद्ध घी का दीपक जलाकर रत्न के अधिष्ठाता ग्रह के मन्त्र का यथाइच्छा संख्या में जाप करने के पश्चात सुबह उगते सूर्य को रत्न दिखायें ताकि रत्न सूर्य किरणों को सही प्रकार से अवशोषित कर ले.तत्पश्चात उस रत्न को धारण करें.

निम्न तालिका से आप सम्बन्धित रत्न का अधिष्ठाता ग्रह,उसका मन्त्र तथा उसे धारण करने के दिन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
         रत्न  ग्रह         मन्त्र  धारण दिन
माणिक्य, लालडी सूर्य ॐ घृणि सूर्याय नम: रविवार
मोती, मूनस्टोन चन्द्रमा ॐ ऎं स्त्रीं सोमाय नम: सोमवार
मूंगा मंगल ॐ हूं श्रीं भौमाय नम: मंगलवार
पन्ना बुध ॐ ऎं श्रीं बुधाय नम: बुधवार
पुखराज, सुनहला गुरू ॐ ऎं क्लीं बृहस्पतये नम: बृहस्पतिवार
हीरा,जरकन शुक्र ॐ स्त्रीं श्रीं शुक्राय नम: शुक्रवार
नीलम, इन्द्र नीलमणि शनि ॐ शं शनैश्चराय नम: शनिवार
गोमेद, गोमूत्री राहु ॐ स्त्रीं राहुवे नम: बुधवार
लहसुनिया,कैटस आई केतु ॐ ह्रीं केतवे नम: बृहस्पतिवार