.

विवाह कब होगा ?



यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

अंक-शास्त्र क्या है?


अंक और अंकशास्त्र


अंकशास्त्र क्या है? इसे समझने से पहले विचार करेंगे। अंक अर्थात् संख्याएँ, आँकड़े या नंबर। अंक के लिए अंग्रेजी शब्द Number या Figure है। अंक बहुत ही प्राचीन अर्थात् मानव जाति का इतिहास लिखने की शुरूआत से पहले के हैं। आदिमानव जब से एक-दूसरे के साथ विनिमय या आदान-प्रदान करने लगा तब से उसे गणना करने की आवश्यकता पड़ी होगी। यह गणना वह गुफाओं की दिवालों पर लीटीयाँ या रेखाएँ खींचकर पत्थर के टुकड़ों को गिनकर करता होगा। विद्वान मानते हैं कि मनुष्य की दस अंगुलियों पर से एक से दस की संख्याएँ तथा अंक गणित की दशांश पद्धति की शोध हुई होगी।
अंकों को संकेतों में लिखने की पद्धति प्राचीन समय के रसल्डीयनो, एसिरीयनो, सुमेरियनो, इजिप्सीयनो और चीनीओं के हिस्से में जाती है। वैदिक काल में हिन्दू भी यज्ञ की वेदी की रचना के लिए गणित और भूमिति का उपयोग करते थे।
विद्वानों के मतानुसार वर्तमान समय में उपयोग में लिए जाने वाले अंकों के दस संकेतों का जन्म स्थान भारत को माना जाता है। संख्याओं की दशांश पद्धति कि जिसमें संख्याओं को उनके स्थान के अनुसार मूल्य दिया जाता है, उसकी उत्पत्ति भी भारत में ही हुई थी। संख्याओं के दसवें संकेत शून्य ‘0’ की शुरूआत भी भारत में ही हुई थी। शून्य के लिए अरब लोग Cifr का उपयोग करते थे। यह शब्द इटली में Zero (जीरो), उत्तर यूरोप तथा जर्मनी में यह Cifra और अंग्रेजी में Ciphre (साइफर) के रूप में उपयोग में आया। बीज गणित का प्रारंभ भी भारत में ही हुआ था। प्रसिद्ध ज्योतिषी भास्कराचार्य को एक भी पुत्र नहीं था। उनको केवल लीलावती नाम की एक पुत्री थी। उन्होंने गणित शास्त्र के एक उत्तम ग्रंथ की रचना करके लीलावती को अर्पण किया और उस ग्रंथ का नाम भी ‘लीलावती’ रखा था। इस ग्रंथ में बीजगणित, भूमिति, अंकगणित और त्रिकोणमिति का समावेश किया गया है।

आधुनिक युग में अंकों या संख्याओं के बिना क्या आप जीवन की कल्पना कर सकते हैं ? अंक अर्थात् गणना और गणना अर्थात् गणित। अंकों या गणित के बिना खेतीबाड़ी, बाग-बगीचा, शिक्षा, विज्ञान, खगोल शास्त्र, प्रवास वाहन व्यवहार, संदेश व्यवहार, व्यापार वाणिज्य, छोटे-बड़े व्यवसाय, रोजगार उद्योग, बांधकाम, यंत्र, कारखाने आदि कार्य कर सकते हैं संख्याओं के बिना कृत्रिम गृह, उपग्रह, आकाशयान, मिसाइल्स, अंतरिक्ष, प्रयोगशालाओं आदि का क्या शोध होता ? आप प्रतिदिन अपने जीवन के बारे में घड़ीभर विचार करोगे तो मालूम होगा कि हमारा कोई भी दिन अंकों के बिना नहीं बीतता है। सच, अंकों के बिना अपना जीवन जीने के योग्य ही नहीं लगेगा। मिस्र के महान गणित शास्त्र पायथागोरस ने सत्य ही कहा “ Number rules the universe’’ अंक विश्व पर हुकूमत (राज) करते हैं।
अंक शास्त्र को कुछ लोग संख्या-शास्त्र भी कहते हैं। अंक अर्थात् नंबर (Number) और उस पर से इस शास्त्र को अंग्रेजी में Numerology कहते हैं। इस शास्त्र के समान ही मिलता जुलता दूसरा आंकड़ा शास्त्र (Statistics) भी है। जिसमें तथ्यों, घटनाओं, हकीकतों, गुणधर्मों आदि अंकों की जानकारी एकत्र करके उसका वैज्ञानिक और गणित के रूप में उपयोग किया जाता है। परंतु यह अंकशास्त्र (Statistics) अपने अंकशास्त्र ज्योतिष से बिल्कुल अलग है।

अति प्राचीन समय में अंकशास्त्र या संख्याशास्त्र का ज्ञान हिन्दुओं, ग्रीकों, खाल्डीओं, हिब्रुओं, इजिप्ट वासियों और चीनियों को था। अपने देश के प्रश्न विचार, स्वरोदम शास्त्र आदि प्राचीन ग्रंथों में अंकशास्त्र का अच्छा उपयोग हुआ है। अंकशास्त्र की व्याख्या देना बहुत ही कठिन है। इसके विषय में वोल्टर बी ग्रिब्सन द्वारा दी गई व्याख्या याद रखने जैसी है। “ The Science of Numerology is the practical application of the fundamental laws of mathematics to the material existance of a man.” ‘‘गणित शास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों का मनुष्य के भौतिक अस्तित्व (या भौतिकी उत्कर्ष) के लिए होने वाला व्यवहारिक उपयोग ही अंकशास्त्र है।’’
अंकशास्त्र विद्वानों का मानना है कि अंकशास्त्र का प्रारंभ हिब्रू मूलाक्षरों से हुआ है। हिब्रू में 22 (बाईस) मूलाक्षर हैं और उसके प्रत्येक अक्षर को क्रम अनुसार एक से बाईस अंक दिए गए हैं। प्रत्येक अक्षर और अंक विशिष्ट आंदोलन का संवादी होता है। उस समय हिब्रू लोग अक्षरों के स्थान पर अंक और अंकों के स्थान पर अक्षरों का उपयोग करते थे। तदुपरांत इन अक्षरों और अंकों के अधिपतियों के रूप में अलग-अलग राशियों तथा ग्रहों को निश्चित किया गया था। इसलिए हिब्रू लोगों के समय से ही अक्षरों, अंकों, राशियों और ग्रहों के बीच संबंध स्थापित हुआ मान सकते हैं और यह संबंध ही अंकशास्त्र के आधाररूप है।

पाश्चात्य देशों में सेफारीअल, डॉक्टर, क्रोस, मोन्ट्रोझ, मोरीस सी. गुडमेन, जेम्स ली, हेलन हिचकोक, टेयलर (Taylor) आदि अंक शास्त्रियों ने अलग-अलग पद्धतियाँ अपनाई हैं। उसमें से हीरो, डॉक्टर क्रोस, मोन्ट्रोझ, सेफारीअल आदि की पद्धति को हिब्रू या पुरानी पद्धति के रूप में पहचानेंगे क्योंकि उसमें अंग्रेजी मूलाक्षरों को जो नंबर दिए गए हैं वह हिब्रू मूलाक्षरों के क्रम अनुसार है जबकि जेम्स ली, हेलन, हिचकोक, टेयलर, मोरिस सी. गुडमेन आदि पश्चिम के आधुनिक अंक शास्त्रियों ने अंग्रेजी मूलाक्षरों के आधुनिक क्रम अनुसार नंबर दिए हैं और इसलिए हम उनकी पद्धति को आधुनिक अंकशास्त्र के रूप में पहचानेंगे।

अंकशास्त्र में जन्म के समय की जानकारी न हो तब भी चलता है। आपकी जन्म तारीख और आपका अभी का नाम ये दो वस्तुओं के ऊपर से आपके अच्छे-बुरे दिनों, महत्त्व के वर्षों, व्यवसायों, मित्रों, भागीदारों, प्रेम, विवाह, मुलाकातों, अन्य व्यक्तियों या वस्तुओं के साथ संबंध लाभदायक होंगे या नुकसानदायक होंगे आदि जान सकते हैं।
अनुभव से हम जानते हैं कि कोई एक दिन या तारीख को किया गया कार्य निष्फल साबित होता है, जबकि दूसरी किसी तारीख या दिन को किया गया कार्य सफल होता है। ये सभी बातें हम अंकशास्त्र की मदद से जान सकते हैं। उसके लिए ज्योतिष शास्त्र जैसी कठिन गणना या असंख्य सिद्धांत याद रखने की आवश्यकता नहीं है। नाम लिखने जैसी अंग्रेजी का ज्ञान तथा गणित के सरल जोड़ या घटाव आते हों तो आप अवश्य ही अंकशास्त्र की ज्योतिष में निपुण बन सकोगे।

अंक शाश्त्र प्राथमिक परिचय...(आगे पढे)

दैनिक जीवन में स्वर विज्ञान का महत्व


यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

चमत्कारिक टोटके


यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

शकुन शास्त्र


यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

तंत्र मंत्र यंत्र


यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

क्या रूद्राक्ष धारण से आपकी बाधाएं दूर होंगी?

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

रूद्राक्ष और रत्न D

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

6666 c

6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah
6666 vivah

5555 c

5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah
5555 vivah

4444 c

4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah
4444 vivah

गृह कलह और मनमुटाव

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

दांपत्य जीवन कैसा रहेगा?

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

विवाह C

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

उपाय और सुझाव b (Grand Child)

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

क्या वर्तमान में व्यापार या नौकरी में परेशानियां चल रही हैं

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

आखिर कब मिलेगी सफ़लता?

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

रोजगार के लिये अनुकूल दिशा, स्थान एवम समय

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

शांतिपूर्वक नौकरी कैसे करें?

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

शिक्षा का आपके पूर्वजन्म से संबंध

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

आपके जीवनसाथी और संतान की शिक्षा

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....

रमल शाश्त्र

रमल शाश्त्र को अरबी ज्योतिष के नाम से जाना जाता है. इसमे किसी भी जन्मकुंडली इत्यादि की आवश्यकता नही होती. सिर्फ़ पांसे या कुरा के द्वारा भविष्य कथन किया जाता है. अगर जातक स्वयं Ramal astrologer के समक्ष उपस्थित नही हो सकता तब भी उसके लिये पांसे डालकर भविष्यकथन किया जा सकता है.

रमल ज्योतिष में कुल 16 घर होते हैं जिनमें भूत भविष्य और वर्तमान का प्रतिनिधित्व बांटा गया है. रमलशाश्त्र के दूसरे घर से व्यापार मे नफ़े नुक्सान का फ़ल कथन किया जाता है. और इसी तरह अलग अलग घरों से भविष्य कथन किया जाता है.

ज्योतिष परिचय

यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....यह पेज लिखा जा रहा है....